नई दिल्ली।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 27 पूर्व अधिकारियों के एक समूह ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक के मामले में तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया। इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शनकारियों के साथ मिलकर राज्य सरकार द्वारा "जानबूझकर और सुनियोजित तरीके से सुरक्षा चूक" का आरोप लगाया।
राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में पूर्व आईपीएस अधिकारियों ने कहा कि यह "देश के इतिहास में सबसे गंभीर सुरक्षा चूकों में से एक था जिसे साजिश और मिलीभगत से अंजाम दिया गया।" उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रधानमंत्री के मार्ग को अवरुद्ध करना न केवल सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी बल्कि तथाकथित प्रदर्शनकारियों के साथ राज्य मशीनरी की मिलीभगत का खुला प्रदर्शन भी किया।
पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पीसी डोगरा और महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी प्रवीण दीक्षित शामिल हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारियों ने पत्र में कहा कि घटना की गंभीरता और इसके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव ने उन्हें उचित कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति से संपर्क करने के लिए बाध्य किया। उन्होंने कहा कि एक फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री के काफिले का 15 से 20 मिनट के लिए योजनाबद्ध तरीके से ठहराव पंजाब में खराब कानून व्यवस्था को दर्शाता है और यह हमारे देश में लोकतंत्र के लिए खतरा है।
पत्र में कहा गया है कि पंजाब पुलिस राज्य के भीतर मोदी की यात्रा और उनकी सुरक्षा के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार थी और उसे स्थापित ‘प्रोटोकॉल' के अनुसार सभी मार्गों पर सुरक्षित रास्ता मुहैया कराना था। पूर्व आईपीएस अधिकारियों ने कहा कि यह समझ से परे है कि प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री के मार्ग के बारे में कैसे जानकारी मिली क्योंकि सूचना केवल राज्य के पुलिस अधिकारियों के साथ साझा की गई थी।
उन्होंने मीडिया मे आयी खबरों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास करने के बजाय चाय पी रहे थे। उन्होंने कांग्रेस का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि एक विशेष पार्टी के विभिन्न सत्यापित ट्विटर एकाउंट से कुछ ट्वीट पंजाब सरकार की मंशा और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को दर्शाते हैं जो देश के लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है। पूर्व आईपीएस अधिकारियों ने अपने पत्र में कहा कि सभी नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य मशीनरी का कर्तव्य है।
गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भी राज्य सरकार को तत्काल रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा था कि उसने आवश्यक तैनाती सुनिश्चित नहीं की गई थी। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि प्रधानमंत्री के दौरे पर सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है और जवाबदेही तय की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से की मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। पंजाब की घटना के बाद पीएम राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे थे। सूत्रों के मुताबिक,“पीएम ने पंजाब की घटना को लेकर राष्ट्रपति को अवगत कराया। वहीं, उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू ने भी पीएम मोदी से कॉल कर उनका हालचाल जाना।