देश

national

महापौर संयुक्ता भाटिया ने किया भगवान परशुराम की मूर्ति स्थापना कार्य का शिलान्यास

गीतांजलि सिंह- ब्यूरो चीफ(इंडेविन टाइम्स)

लखनऊ। 

महापौर संयुक्ता भाटिया ने आज भगवान श्रीराम के अनुज भगवान लक्ष्मण जी द्वारा स्थापित प्राचीन बुद्धेश्वर मंदिर में भगवान परशुराम जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हेतु पेडेस्टल एवं अन्य निर्माण कार्य का शिलान्यास किया साथ ही बुद्धेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित संदीप मिश्र जी द्वारा विधिवत पूजा अर्चना एवं मंत्रोच्चारण कर शिला पूजन कराया।

8 फ़ीट की लगेगी भगवान परशुराम की प्रतिमा 

महापौर ने बताया कि बहुत पहले से ही चिरंजीवी भगवान परशुराम जी की प्रतिमा लगाया जाना प्रस्तावित है जिसकी पेडेस्टल, छत एवं अन्य निर्माण कार्य का टेण्डर विधिक कार्यवाही आदि पूर्व हो चुकी है। जिसका शिलान्यास आज महापौर संयुक्ता भाटिया ने अखिल भारतीय ब्रह्म समाज एवं बुद्धेश्वर विकास महासभा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओ संग किया। महापौर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि भगवान परशुराम जी की 8 फ़ीट की मूर्ति आगरा से तैयार की गई है जिसके पेडेस्टल, छत एवं अन्य कार्यों का निर्माण आज प्रारम्भ कराया गया है। 

आज्ञाकारी पुत्र एवं प्रतिशोध से परे थे भगवान परशुराम: महापौर संयुक्ता भाटिया 

महापौर ने भगवान परशुराम का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान परशुराम का तेज और शौर्य ही था कि उन्होंने कार्तवीर्य सहस्रार्जुन का वध करके अराजकता को समाप्त किया तथा नैतिकता और न्याय का साथ दिया। भगवान विष्णु ने भगवान परशुराम के रूप में जन्म लिया। उनका मुख्य उद्देश्य धर्मं की स्थापना और अधर्म को मिटाना था। भगवान परशुराम ने सभी के कल्याण के लिए कार्य किया था।

महापौर ने आगे कहा कि प्रतिशोध की भावना से उन्होंने कभी कोई कार्य नही किया। भगवान परशुराम जहाँ आज्ञाकारी पुत्र थे वही प्रतिशोध से भी परे थे - एक बार गन्धर्वराज चित्ररथ को अप्सराओं के साथ विहार करता देख हवन हेतु गंगा तट पर जल लेने गई रेणुका आसक्त हो गयी और कुछ देर तक वहीं रुक गयीं। हवन काल व्यतीत हो जाने से क्रुद्ध मुनि जमदग्नि ने अपनी पत्नी के आर्य मर्यादा विरोधी आचरण एवं मानसिक व्यभिचार करने के दण्डस्वरूप सभी पुत्रों को माता रेणुका का वध करने की आज्ञा दी। अन्य भाइयों द्वारा ऐसा दुस्साहस न कर पाने पर पिता के तपोबल से प्रभावित भगवान परशुराम जी ने उनकी आज्ञानुसार अपनी माता का शिरोच्छेद एवं उन्हें बचाने हेतु आगे आये अपने समस्त भाइयों का भी वध कर डाला। उनके इस कार्य से प्रसन्न पिता जमदग्नि ने जब उनसे वर माँगने का आग्रह किया तो भगवान परशुराम जी ने सभी को पुनर्जीवित होने एवं उनके द्वारा वध किए जाने सम्बन्धी स्मृति नष्ट हो जाने का ही वर माँगा। 

इस मौके पर महापौर संयुक्ता भाटिया के साथ अवर अभियंता राजेन्द्र कुमार, अखिल भारतीय ब्रह्म समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीपी अवस्थी, राष्ट्रीय महामंत्री देवेन्द्र शुक्ल, पंडित संदीप मिश्रा बुद्धेश्वर विकास महासभा के संरक्षक रामशंकर राजपूत, अजय तिवारी, कमल द्विवेदी, एम पी दीक्षित, डॉ प्रतिभा मिश्र, अमिता त्रिपाठी, संध्या बाजपेयी, राम कुमार बाजपेयी सहित अन्य जन उपस्थित रहे।

Don't Miss
© all rights reserved
Managed By-Indevin Group