इंडेविन टाइम्स
अमेठी।
अवधी साहित्य संस्थान अमेठी के तत्वावधान में ओमनगर स्थित कार्यालय में मकर संक्रांति की महत्ता विषय पर एक विचार गोष्ठी के साथ कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर अवधी साहित्य संस्थान अमेठी के अध्यक्ष डॉ अर्जुन पाण्डेय ने मकर संक्रांति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त डॉ राम बहादुर मिश्र की अगुवाई में 14 सदस्यीय यात्रा दल भाषायी समन्वय हेतु अवधी दक्षिण भारत जन जागरण साहित्यिक यात्रा के विषय में विस्तार से चर्चा की गई। यात्रा के दौरान विशाखापत्तनम, कन्याकुमारी और बेंगलुरु में साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित हुए । कन्याकुमारी साहित्यिक-सांस्कृतिक ,
सामाजिक संस्थान द्वारा प्राप्त सुब्रह्मण्यम भारती सम्मान एवं कलश कारवां फाउंडेशन बेंगलुरु द्वारा प्राप्त मुंशी प्रेमचंद सम्मान एवं रामदेव ठाकुर स्मृति सम्मान जिसे संस्थान के अध्यक्ष डॉक्टर अर्जुन पांडे ने अवधी साहित्य संस्थान अमेठी को समर्पित कर दिया।
इस यात्रा में लखनऊ ,बाराबंकी, सुल्तानपुर ,अमेठी ,प्रतापगढ़ के साहित्यकार शामिल रहे । इनमें प्रमुख रूप से डॉ विनय दास , विष्णु कुमार शर्मा , प्रोफेसर बलराम वर्मा , कर्नल राजेंद्र पांडे , डॉ अरुण कुमार मिश्र , शांति मिश्रा , विश्वंभरनाथ नाथ अवस्थी , शिवम तिवारी, हिमांशु श्रीवास्तव ,निर्मला मिश्रा शालिनी तिवारी, रीता पाण्डेय आदि शामिल रहे ।
दक्षिण भारत के साहित्यकारों में विशाखापट्टनम के आरुणि त्रिवेदी , कन्याकुमारी की माया देवी पी एस , बेंगलुरु से राही राज , प्रीति राज आदि का संयोजन सराहनीय रहा ।
कवि गोष्ठी में अवधी साहित्य संस्थान के उपाध्यक्ष वरिष्ठ कवि राजेन्द्र शुक्ल अमरेश ने अपनी अवधी कविता "जाड़ा बहुत जोर बा भइया" सुनाकर सर्द मौसम को शब्दों में उकेर दिया। अवधी संस्थान के सचिव अनिरुद्ध मिश्र ने अपनी कविता "हूं कलम का सिपाही भले कुछ भी हो। झूठ को सच मैं कहना नहीं जानता" सुनाकर लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ की महिमा का वर्णन किया। सुरेश शुक्ल नवीन ने अपनी कविता "उनका फिर आना जाना शुरू हो गया" के द्वारा नेताओं पर व्यंग्य किया। युवा कवि अभिजित त्रिपाठी ने "राम तुम्हीं अब हमें बताओ, रामराज्य कब आएगा" सुनाकर वर्तमान परिस्थितियों पर करारा व्यंग्य किया।
अवधी संस्थान के महासचिव डा धनंजय सिंह ने कहा कि हम सभी को अपने घर में अवधी का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए, तभी अवधी की उन्नति हो सकती है। इस अवसर पर डा दिलीप सिंह, कौशल किशोर मिश्र, अमन पाण्डेय, अम्बरीश मिश्र, संजीव भारती , ललित कुमार ,शिवभानु कृष्णा, शैलेन्द्र सिंह, त्रिपुरारी पांडेय, श्रीनाथ शुक्ल आदि ने अपने विचार रखे।