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डबल इंजन की सरकार, गरीब का दर्द समझती है- पीएम मोदी

देहरादून। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तराखंड में विजय संकल्प सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि  मैं देख रहा हूं कि मतदाता कभी अच्छे कामों को भूलते नहीं हैं, अच्छे इरादों को भूलते नहीं हैं और कभी भी नेक नियत वालों का साथ छोड़ते नहीं हैं। इस चुनाव को भाजपा से ज्यादा जनता-जर्नादन लड़ रही है। उत्तराखंड के लोग ये बात जानते हैं कि, भाजपा सरकार ही इस दशक को उत्तराखंड का उज्ज्वल दशक बना सकती है। इसलिए, एक बार फिर डबल इंजन की सरकार, उत्तराखंड में आना तय है। 

उन्होंने कहा कि  अब उत्तराखंड विकास के शिखर की तरफ बढ़ चला है, उत्तराखंड को एक नई पहचान मिल रही है। भाजपा ने अपना जो संकल्प पत्र जारी किया है, वो भी विकास की नई ऊर्जा से भरा हुआ है। हमारी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का संकल्प लेकर काम कर रही है। लेकिन हमारा विरोध करने वालों का फॉर्मूला है- ‘सबमें डालो फूट, मिलकर करो लूट’! पूरे देश में कांग्रेस की नीति रही है- सबमें डालो फूट, मिलकर करो लूट’।

पीएम मोदी ने सभा में कहा कि विरोधियों ने हमेशा कुमाऊं और गढ़वाल की लड़ाई कराने की कोशिश की, ताकि ये दोनों जगह को लूट सकें। जबकि डबल इंडन की सरकार ने दोनों जगह के लिए डबल काम करने की कोशिश की है। हमारे लिए पूरा उत्तराखंड देवभूमि है। 

 टीकाकरण को लेकर पीएम ने कहा कि टीके पर टोकाटाकी करने वाले ये लोग क्या कह रहे थे? ये कहते थे कि पहाड़ों पर हर एक गांव तक वैक्सीन पहुंच ही नहीं सकती! उत्तराखंड पर इतना अविश्वास है इन लोगों का। जबकि भाजपा सरकार, उत्तराखंड के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए दिन-रात मेहनत करती रही। यही लोग कहते थे कि पहाड़ों पर सड़कें बनाना आसान नहीं, इसलिए यहाँ तो ऐसे ही चलना पड़ता है!

 लेकिन आज उत्तराखंड में चारों धामों को जोड़ने के लिए ‘आल वेदर’ रोड का काम चल रहा है। जहां ये सड़क को मुश्किल बताते थे, वहाँ आज पहाड़ों पर रेल भी पहुँच रही है।  उन्होंने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना का काम तो चल ही रहा है, टनकपुर-बागेश्वर रेलवे लाइन का सपना भी आने वाले समय में जरूर साकार होगा और हम ही पूरा करेंगे। पीएम ने कहा कि एक तरफ पुष्कर सिंह धामी जी के युवा नेतृत्व वाली सरकार है, जो पर्यटन, प्रगति और रोजगार के लिए काम कर रही है। दूसरी ओर, वो पुरानी मानसिकता है जिसने दशकों तक उत्तराखंड में पलायन के हालात पैदा किए।

 पीएम ने कहा कि मैं यहां आता था तो देखता था माताओं-बहनों को सर पर बंठों में कितनी कितनी दूर पानी लाने जाना होता था।साथ में छोटे बच्चे भी डब्बे या छोटे से कुप्पे में पानी ढोते थे। लेकिन काँग्रेस के लोगों को इसकी चिंता नहीं होती थी। 


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