० अपात्रों का किया गया चयन, भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारी
० पीड़ित ने ग्राम प्रधान व खंड विकास अधिकारी संग्रामपुर के ऊपर उठाई उंगली
हरिकेश यादव-संवाददाता (इंडेविन टाइम्स)
अमेठी।
अपात्रों के चयन की दोबारा जांच के लिए जिलाधिकारी से शिकायत की गई। भ्रष्टाचारियों को बुलडोजर सरकार का डर लगभग खत्म होता नजर आ रहा है जिसके कारण वह भ्रष्टाचार की जड़ों को फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
संग्रामपुर थाना क्षेत्र बनवीर पुर निवासी का आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास योजना की लिस्ट से अपात्रों का नाम हटा कर पात्रों के चयन के लिए ग्रामीण ने की जिलाधिकारी से शिकायत की है। जिस पर जल्द ही जांच कमेटी बैठाए जाने की संभावना है। निष्पक्ष जांच से स्पष्ट हो जाएगा कि आखिर सत्यता क्या है।
जहा पर देश कि नरेंद्र मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र के चयन लिए प्रतिबद्ध होकर सभी गरीबों को प्रधानमंत्री आवास देने के लिए तैयार है तो वहीं अधिकारियों की मिलीभगत से सूची में अपात्रों का चयन किया गया है। जिसमें पात्र लाभार्थी चयन से वंचित रह गए हैं।
पूरा मामला जनपद अमेठी के ब्लाक संग्रामपुर के ग्रामसभा बनबीरपुर का है जहाँ पर पवन कुमार द्विवेदी ने जिलाधिकारी से मिलकर एक शिकायती पत्र दिया है।जिसमे उन्होंने बताया है कि बनबीरपुर ग्रामसभा में तीन राजस्व गांव सम्मलित है जिसमे राजस्व गांव बनबीरपुर,बघौरा और छाछा शामिल हैं जिसमे से राजस्व गांव छाछा को 2012 से 2017 तक समाजवादी पार्टी की सरकार में लोहिया गांव घोषित किया गया था।जबकि उस समय लोहिया आवास में छाछा में 121 लोहिया आवास दे दिया गया था। जबकि राजस्व गांव छाछा के परिवार रजिस्टर में 216 मकान नं ही अंकित है। इसी गांव में फिर से प्रधानमंत्री आवास के 132 आवास सूची में डाल दिये गए।अब सोचने वाली बात यह है कि परिवार रजिस्टर में सिर्फ 216 मकान नं दर्ज है तो 121 लोहिया आवास पाने के बाद भी राजस्व गांव छाछा में फिर से 132 आवास कैसे मिल गया।क्या राजस्व गांव छाछा में परिवार रजिस्टर से भी ज्यादा पात्र लाभार्थी मौजूद है या ब्लाक के अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत से ये भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है ?इसी को प्रकरण को लेकर ग्रामीण ने जिलाधिकारी से शिकायत कर जिले के उच्च अधिकारियों से जांच के लिए निवेदन किया।