इंडेविन न्यूज नेटवर्क
सुल्तानपुर।
सुल्तानपुर जिले के धनपतगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मनमानी का खामियाजा आम जनमानस को भुगतना आम हो गया है। मारपीट के गम्भीर मामलों में प्रभाव व पैसे के बल पर हल्का दिखाकर मानवता तार तार की जा रही है। एक तरफ चिकित्सक को धरती का भगवान माना गया है, वहीं धनपतगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक मनमानी पर उतारू हैं। यहां मारपीट में चोटो का परीक्षण रसूख व पैसे के बल पर होता है।
मामला थाना धनपतगंज के रामनगर अंतर्गत पूरे गोबिंदपुर गांव का है। जहाँ गांव के ही एक दबंग ने अपनी बहू को 4 मई की शाम इस कदर पीटा की वह मरणासन्न हो गई। घटना के समय उसका इकलौता बेटा भी घर नही था। जैसे ही उसको घटना की जानकारी हुई, उसने 112 व स्थानीय पुलिस को सूचना दी। खैर पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर जब मेडिकल के लिये भेजा तो खून से लथपथ गम्भीर चोटो के बजाय मौजूद चिकित्सक ने महज नार्मल चोट ही नही दिखाई बल्कि उसके गम्भीर होने के बावजूद भी उसे किसी अच्छे अस्पताल में इलाज के लिए रेफर तक नही किया। हालत बिगड़ी तो परिजन उसे लेकर जिला चिकित्सालय भागे।
डॉक्टरों ने कई दिन इलाज तो किया लेकर गम्भीर चोट होने के चलते स्वास्थ में सुधार न होते देख ट्रामा सेंटर अयोध्या रेफर किया, जहां मंगलवार को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। हालांकि शव के पोस्टमार्टम के बाद चोटो की गम्भीरता स्पष्ट होगी। वही जिम्मेदारों की हैवानियत कही न कहीं मानवता व मानव अधिकारों की धज्जियां उड़ाने के लिए कम नही है। एक तरफ जहां नार्मल मामलों में प्रभावशाली लोगों के दवाव अथवा पैसे के बल पर रेफर किया जाता है, वहीं गम्भीर मामलों मे इस तरह की लापरवाही कहीं न कहीं धनपतगंज के स्वास्थ्य कर्मियो की सच्चाई खुद ब खुद बयाँ कर रही है। अगर मारपीट में गम्भीर रूप से घायल की गम्भीर चोटो को नार्मल दिखाकर खाना पूर्ति न की गयी होती और मेडिकल परीक्षण सही होता, तो जान बच सकती थी।