नई दिल्ली।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के एक निर्देश पर रोक लगा दी जिसमें एक आरटीआई आवेदक को पीएम केयर्स निधि से संबंधित कुछ जानकारी देने को कहा गया था। सीआईसी के आदेश को आयकर प्राधिकार द्वारा चुनौती दिए जाने पर न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने नोटिस जारी किया और आरटीआई आवेदक गिरीश मित्तल का रुख पूछते हुए कहा कि ‘मामले में विचार-विमर्श की जरूरत है''।
उच्च न्यायालय ने कहा कि यदि प्रतिवादी द्वारा पूछे गए चार प्रश्नों में से दो सूचना के अधिकार कानून के तहत छूट के दायरे में आते हैं तो दो अन्य प्रश्न प्रथम दृष्टया इसी सिद्धांत के अनुरूप माने जाएंगे और इस तरह जिस निर्देश को चुनौती दी गई है वह विरोधाभासी होगा। उच्च न्यायालय ने आदेश दिया, ‘‘मामले को सूचीबद्ध किए जाने की अगली तारीख तक 27 अप्रैल, 2022 के आदेश पर स्थगन रहेगा।''
उसने प्रतिवादी को याचिका पर अपना जवाब देने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया तथा अगली सुनवाई के लिए 16 नवंबर की तारीख तय की। अदालत ने आदेश में यह भी कहा कि पीएम केयर्स कोष सार्वजनिक प्राधिकार है या नहीं, यह मुद्दा फिलहाल उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष लंबित है।