इंडेविन न्यूज नेटवर्क
सुल्तानपुर। नगर कोतवाली क्षेत्र के बहादुरपुर गांव के निवासी फैजल खान सन 2015 में सऊदी अरब में पैसे कमाने के लिए गए थे। वह मुंबई की अरोमा टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी से ड्राइवर का वीजा लेकर मुसासा बद्र कंपनी के लिए काम करने रियाद पहुंचे। फैजल ने बताया कि कंपनी के मालिक कफील ने पहले 1200 रियाल वेतन देने का वादा किया था, परंतु बाद में वह 300-400 रियाल ही दे रहा था। साथ ही कफील ने 2500 रियाल वेतन से वीजा के नाम पर काट लिए और फैसल का पासपोर्ट भी रख लिया। 3 साल बीतने के बाद भी फैसल को घर वापस आने को नही मिला, तो घर वालो ने कादीपुर के समाजसेवी अब्दुल हक से मुलाकात की और उन्हें पूरा वाकया बताया। अब्दुल हक ने फैसल की वापसी के लिए फाइनेंस मंत्रालय, रियाद एंबेसी और जद्दा एंबेसी को मेल किया। उसके बाद एंबेसी ने अरोमा टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने का निर्देश दिया। जिसके बाद 26 जून को फैजल की वापसी की टिकट अब्दुल हक द्वारा अपने जान पहचान के लोगों से करवाई गई। समाजसेवी अब्दुल हक की मदद से 29 जून को फैजल अपने घर सुल्तानपुर पहुंच गया। फैजल को सही सलामत देख परिवार वालों में खुशी की लहर दौड़ गयी।