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आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 15 जुलाई को

लखनऊ। 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ लखीमपुर खीरी हिंसा में कथित रूप से शामिल केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर 15 जुलाई को भी सुनवाई जारी रखेगी। इस घटना में आठ लोग मारे गए थे।

न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने आशीष मिश्रा की याचिका पर यह आदेश पारित किया। गत सोमवार को हुई सुनवाई में पीड़ित पक्ष ने अपनी दलील पूरी की जिसके बाद अदालत ने राज्य सरकार की दलील सुनने के लिए 13 जुलाई की तिथि निर्धारित की थी। सरकारी वकील ने आज अपनी दलीलें पूरी कर ली। पीड़ित पक्ष ने यह साबित करने के लिए कि मोनू घटनास्थल पर मौजूद था और इस घटना में उसकी संलिप्तता स्पष्ट है, कई साक्ष्य पेश किए।

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को कृषि कानूनों के विरोध के दौरान चार किसानों की एक कार से कुचलकर मौत हो गई थी। यह घटना लखीमपुर खीरी के तिकोनिया गांव के निकट घटी थी। आरोप है कि काफिले में शामिल कारों में से एक कार में आशीष मिश्रा बैठा था। इसके बाद हुई हिंसा में दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की मौत हुई थी। एक पत्रकार भी इस हिंसा में मारा गया था। उस दिन किसान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आगमन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

मौर्य अजय मिश्रा के पैतृक गांव बनबीरपुर आ रहे थे। गत अप्रैल में उच्चतम न्यायालय ने आशीष मिश्रा को मिली जमानत रद्द कर दी थी और निर्देश दिया था कि उच्च न्यायालय इस मामले की पुनः समीक्षा कर सकता है। इसके बाद आशीष मिश्रा ने नए सिरे से जमानत याचिका दाखिल की थी।


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