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सुल्तानपुर जिला अस्पताल में महिला डॉक्टर की लापरवाही ने ली एक नवजात की जान

Wednesday, July 6, 2022

/ by Indevin Times
क़ौसर खान -ब्यूरो चीफ(सदर)
इंडेविन टाइम्स

सुल्तानपुर। मामला जिला महिला चिकित्सालय सुल्तानपुर का है जहां पर अफसाना परवीन निवासी-तियरी मछरौली को प्रसव पीड़ा हुई तो उन्हें जिला महिला अस्पताल में दिनांक 16.06.2022 को एडमिट कराया गया था। मौके पर मौजूद डॉक्टर और नर्स ने कहा कि नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी। पीड़िता के पति निसार अहमद के कथनानुसार अगले दिन मौजूद नर्स रुमाली ने तकरीबन 4730 रुपये का ग्लब्स, इंजेक्शन और दवाइयां बाहर से लाने को कहा। जिसमे से नर्स रुमाली ने 1 ही इंजेक्शन लगाया। बाकी के इंजेक्शन और दवाई अपने साथ लेकर चली गयी। जब पीड़िता के पति निसार अहमद ने ऐसा करने का कारण पूछा तो नर्स रुमाली ने धमकी देते हुए कहा कि अगर इसके बारे में किसी को बताया तो इसका अंजाम तुम्हे और तुम्हारी बीवी दोनों को भुगतना पड़ेगा। जिस पर निसार अहमद ने डर कर किसी से कुछ नही कहा। दिनांक 18.06.2022 को पीड़िता के पति ने मौके पर मौजूद डॉक्टर से ऑपरेशन कर डिलीवरी को कहा तो डॉक्टर ने ब्लड सैम्पल, जरूरी जांचे और ऑपरेशन की फ़ाइल तैयार करवायी, किंतु ऑपरेशन नही करवाया। पीड़िता के पति निसार अहमद के अनुसार अगले दिन 19.06.2022 को करीब 9:30 बजे ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर आस्था त्रिपाठी ने पीड़िता को लेबर रूम बुला कर ऑपरेशन करने के बजाय जबरदस्ती नार्मल डिलीवरी करवाने लगी। जब बच्चा आधा बाहर आ गया तो डॉक्टर आस्था त्रिपाठी ने जवाब दे दिया और लखनऊ रेफर करने लगी। डॉक्टर और नर्स की लापरवाही से अन्ततः नवजात की जान करीब 1:45 तक चली गयी। आनन फानन में पीड़िता के पति निसार अहमद अपनी पत्नी अफसाना परवीन को हंसा हॉस्पिटल ले कर गए, जहाँ पर मौजूद डॉक्टर किरण सिंह ने ऑपरेशन कर के मृत बच्चा निकाला और पीड़िता की भी जान बचाई। पीड़िता का पति निसार न्याय की गुहार लिए दर दर भटक रहा है। पीड़िता के पति ने मुख्यमंत्री योगी को भी पत्र लिखकर न्याय की गुहार की है। सुल्तानपुर जिला अस्पताल में इस तरह की लापरवाही अक्सर देखने को मिलती रहती है। आखिर लापरवाही का यह सिलसिला कब तक चलता रहेगा और पीड़िता को न्याय कब मिलेगा।



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