इंडेविन टाइम्स
- दरोगा पर पैसे लेन-देन का आरोप फ़र्ज़ी
- असामाजिक तत्वों द्वारा दरोगा को बदनाम करने की साज़िश
- फेक फोटोस को वायरल करके पुलिस प्रशासन को बदनाम करने की कोशिश
- फेक फोटो मामला, एक सगाई टूट जाने के मामले में उत्पन्न हुए विवाद के निस्तारण के दौरान का है
- पुलिस की छवि धूमिल करने/फेक फोटो वायरल करने वाले मामले में दोषियों पर होगी विधिक कार्यवाही
![]() |
(एक पक्ष की महिला दुसरे पक्ष की महिला को हिंसाब का रुपये देते हुए) |
सुल्तानपुर। एक तरफ जहां पुलिस प्रशासन जनता के दिलों में अपना नाम और स्थान बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं कुछ लोगों द्वारा वाहवाही के लिए फेक वीडियो और फोटोस को वायरल करके पुलिस प्रशासन को बदनाम करने की कोशिश भी लगातार की जा रही है। सुल्तानपुर में एक मामला सामने आया जिसमें सोशल मीडिया पर एक दरोगा साहब का पैसे पर हाथ रखते फोटो वायरल हुआ था, यह वीडियो सुल्तानपुर जनपद का है। जहां यह बताने की कोशिश की गई थी कि थाने पर पुलिस लेनदेन कर रही हैं,जबकि की इस वीडियो को पूरा शोशल मीडिया पर वायरल नही किया गया, वही इस प्रकरण की जानकारी लगते ही पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने मामले गंभीरता से लेकर जांच सीओ लंभुआ सतीश चंद्र शुक्ल को सौंपी। गौरतलब हो कि बल्दीराय थाना क्षेत्र के रहने वाली एक युवती की सगाई ,कोतवाली देहात के रहने वाले एक युवक से हुई थी,किसी कारण बस सगाई टूट जाने के बाद दोनों पक्षो द्वारा आपस मे दरोगा के सामने सुलह किया, खर्च किए गए रुपयों की वापसी कराई गई। दोनों पार्टी के बीच बातचीत में सुलह होना सुनिश्चित हुआ,उसी दौरान का यह वीडियो सारे मामले पर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया।
इस पूरे मामले में मीडिया सेल द्वारा अवगत कराया गया कि थाना कोतवाली देहात के दरोगा की पैसा लेते हुए वायरल वीडियो की जांच क्षेत्राधिकारी लंभुआ से करायी गयी । इसी क्रम में दोनो पक्षों एवं संबंधित उ0नि0 से वार्ता में जानकारी प्राप्त हुई कि प्रथम पक्ष प्रेमा देवी पत्नी रामबहादुर निवासी इब्राहिमपुर थाना बल्दीराय की पुत्री की सगाई सुनील कुमार निवासी कुछमुछ थाना कोतवाली देहात के साथ हुई थी परंतु आपसी बातों के कारण सगाई टूट जाने पर पक्षों में उत्पन्न विवाद के निस्तारण हेतु सगाई में खर्च पैसे की वापसी पक्षों के आपसी सुलह समझौते के माध्यम से करवाई गयी । वीडियो से स्वतः स्पष्ट है कि इसमें पुलिस द्वारा कोई पैसा नही लिया गया बल्कि दोनो पक्षों द्वारा ही आपस में पैसे का लेन-देन किया गया है एवं पुलिस को कोई पैसा नही दिया गया है, जिसे मीडिया में आमजनमानस को गुमराह करने एवं पुलिस की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है । संबंधित उनि0 द्वारा भी पैसे लेने संबंधी उक्त आरोपों को पूर्णता निराधार बताया गया है । इस संबंध में जांचोपरांत आम जनमानस को गुमराह एवं पुलिस की छवि को धूमिल करने के उद्धेश्य से मीडिया में गलत प्रकार से फोटो वायरल करने वाले संबंधित दोषी के विरुद्ध उचित विधिक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी ।
देखें मामले का पूरा मूल/बिना एडिट किया हुआ वीडियो