सुल्तानपुर। चिकित्सक के घर फाल्ट ठीक करते समय करंट लगने से हुई बिजली कर्मी की मौत मामले में नया मोड़ आ गया है। मृतक के परिजनों ने पुलिस को तहरीर देकर चिकित्सक पुत्र पर गंभीर आरोप लगाया है। मामले की विवेचना दारोगा आनंद गौतम को सौंपी गई है। गांव में हादसे के बाद से चर्चाओं का बाजार गर्म है।
प्रकरण यह है कि देहात कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत पखरौली गांव निवासी रामानुज उर्फ मल्लू कहार पुत्र राम मनोहर बिजली कर्मी था। बुधवार की रात करीब नौ बजे धरौली निवासी चिकित्सक द्वारिका प्रसाद बरनवाल के घर की बिजली गुल हो गई थी। डा.बरनवाल के पुत्र कुलदीप बरनवाल ने मल्लू को फोन कर फाल्ट ठीक करवाने के लिए बुलाया था। बताया जाता है कि फर्श पर लगी टाइल्स में धब्बा न पड़े मल्लू का चप्पल बाहर उतरवा दिया गया। नंगे पैर फाल्ट खोजते समय कटी केबिल में दौड़ रहे करंट की चपेट में आकर मल्लू गंभीर रूप से झुलस गया। काफी देर तक उसे घर में ही उपचार के लिए रखा गया।
घंटों बाद उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि घटना की जानकारी देने में चिकित्सक परिवार आनाकानी करता रहा। घटना के बाद से गांव में तरह तरह की चर्चाएं हो रही है। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद पुलिस को तहरीर दी गई। मामले की तफ्तीश दारोगा आनंद गौतम को सौंपी गई है।
बिजली कर्मी की मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पत्नी समेत अन्य परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। पत्नी रह रह कर बेहोश हो जा रही है। मृतक के परिजनों की फिक्र छोड़ इलाके के कुछ लोगो ने चिकित्सक को बचाने के लिए बीड़ा उठा लिया। शव के अंतिम संस्कार के बाद गुरुवार को देर रात तक सुलह की पंचायत चलती रही। सूत्रों की मानें तो एक जनप्रतिनिधि ने दो बार पीड़ित परिवार की तहरीर गायब करवा दी थी। काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस को तहरीर दी जा सकी।