नई दिल्ली।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को ‘पीएसयू गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स' द्वारा निर्मित पी17ए युद्धपोत ‘दूनागिरी' का यहां हुगली नदी में जलावतरण किया। पी17ए पोत दिशानिर्देशित-मिसाइल युद्धपोत हैं। युद्धपोत के जलावतरण से पहले अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि भारतीय शिपयार्ड द्वारा पोत का इस तरह से जलावतरण किया जाना देश की आत्मनिर्भरता बढ़ने का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका में संकट के समय में भारत उसके साथ खड़े रहने के लिए यथासंभव प्रयास कर रहा है।
प्रोजेक्ट 17 ए के तहत बनाये गये इस चौथे युद्धपोत को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर लिमिटेड ने बनाया है और इसका नाम उत्तराखंड राज्य की एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। यह पी-17 फ्रिगेट (शिवालिक) श्रेणी का पोत है जो नये स्टील्थ फीचर, उन्नत हथियार और सेंसर तथा प्लेटफॉर्म मैनेंजमेंट सिस्टम से लैस है। यह नौसेना के लिएंडर श्रेणी के एएसडब्ल्यू फ्रिगेट का संशोधित स्वरूप है जिसने 5 मई 1977 से 20 अक्टूबर 2010 तक 33 वर्ष तक अपनी सेवा दी और विभिन्न चुनौतीपूर्ण अभियानों तथा बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में हिस्सा लिया।
पी-17 ए प्रोजेक्ट के पहले दो पोत का 2019 और 2020 में जलावतरण किया गया था। तीसरे पोत (उदयगिरी) का गत 17 मई को जलावतरण किया गया। चौथे पोत का इतने कम समय में जलावतरण किया जाना इस बात का प्रमाण है कि देश सही द्दष्टिकोण के साथ पोत निर्माण के मामले में आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहा है। पी-17 ए पोत का डिजाइन नौसेना के डिजायन महानिदेशालय ने तैयार किया है।