अमेठी।
अमेठी जनपद के रामगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत त्रिशुंडी निवासी माधुरी तिवारी ने गांव के प्रधान प्रतिनिधि व अन्य के ऊपर मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि प्रशांत सिंह उर्फ विपिन ने बताया कि घटना के समय वह गांव में मौजूद नहीं थे। इसके बावजूद भी साजिश के तहत मेरे ऊपर फर्जी तरीके से मुकदमा दर्ज कराया गया ।जिसकी जांच उच्चाधिकारियों से की जाएगी तो दूध का दूध पानी का पानी साफ हो जाएगा । मामला जमीनी रंजीत से जुड़ा हुआ है ।
अमेठी जनपद के विकासखंड भादर के अंतर्गत स्थित रामगंज थाने के अंतर्गत त्रिशुंडी प्रधान प्रतिनिधि प्रशांत सिंह उर्फ विपिन सिंह के ऊपर गांव की एक महिला ने ही मारपीट व छेड़छाड़ का मुकदमा स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से दर्ज कराया जिसमें गांव के द्वारा साजिश की गई प्रधान प्रतिनिधि ने पुलिस अधीक्षक अमेठी को दिए गए प्रार्थना पत्र में अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया तथा दिए गए प्रार्थना पत्र में लिखा कि मैं पेशे से दीवानी न्यायालय सुल्तानपुर में अधिवक्ता हूँ तथा मेरी मां श्रीमती ऊषा सिंह ग्राम प्रधान त्रिसुडी है ।बिगत चुनाव में पराजित प्रत्यासी ने गलत तरीके से साजिशन गुमराह करके गांव की ही माधुरी तिवारी पत्नी सरजू प्रसाद तिवारी से एक फर्जी घटना दिनांक 07.09.2022 व दिनांक:- 11.09.2022 दिखाते हुए थाना स्थानीय रामगंज में मुकदमा अ0सं0-108 / 2022 धारा 323, 504, 506 मा० द०वि० में पंजीकृत कराया गया है। विदित रहे कि प्रार्थी दिनांक 09.09 2022 से दिनांक:-13.09.2022 तक वैष्णो देवी की यात्रा पर था. जिसका रिजर्वेशन टिकट मौजूद है तथा प्रार्थी गांव व जिले में मौजूद नहीं था, कथित दिनांक व समय पर कोई घटना घटित नहीं हुई है। दर्ज प्राथमिकी पूर्णतयाः असत्य व झूठी है।
उन्होंने एसपी अमेठी से अपील की घटना की उच्च स्तरीय जांच की जाए दूध का दूध पानी का पानी हो सके तथा दोषी को सजा मिल सके । घटना की तह में जाने पर पता चला कि 1 माह पूर्व राम अभिलाख यादव की मौत हो गई थी जिनको उनके खेत में ही दफना दिया गया था उनके खेत के बगल माधुरी तिवारी का भी खेत है बीच में कुछ जमीन ग्राम समाज के खाते में दर्ज है मृतक राम अभिलाख यादव के पार्थिव शरीर को दफनाने को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ था जिस पर ग्राम प्रधान ने गांव के कुछ लोगों तथा चौकी इंचार्ज रामगंज की उपस्थिति में समझौता करा दिया था। यह समझौता गांव के कुछ लोगों को नागवार गुजरा। उन लोगों की साजिश के तहत ही ग्राम प्रधान प्रतिनिधि व अन्य के ऊपर मुकदमा पंजीकृत किया गया ।दूसरी तरफ यदि महिला के साथ छेड़छाड़ अथवा मारपीट की घटना हुई तो उसका संबंधित थाने द्वारा मेडिकल परीक्षण भी नहीं कराया गया जोकि संदेह के घेरे में है।