नई दिल्ली।
द्वारकापीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का आज निधन हो गया है। उनकी उम्र 99 वर्ष की थी। उनका निधन मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में हुआ। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था। स्वानी स्वरूपानंद का जन्म भी मध्य प्रदेश में सिवनी में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने लिखा कि द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। सनातन संस्कृति व धर्म के प्रचार-प्रसार को समर्पित उनके कार्य सदैव याद किए जाएँगे। उनके अनुयायियों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें। ॐ शांति।
नितिन गडकरी ने कहा कि द्वारका एवं ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य परमपूज्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन का समाचार दुःखद है। उनको मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। उनका जाना सनातन धर्म और आध्यात्म जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर पुण्यात्मा को शांति प्रदान करे और अनुयायियों को संबल दें। ॐ शान्ति। शंकराचार्य स्वरूपानंद के निधन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताया है। उन्होंने लिखा कि भगवान शंकराचार्य द्वारा स्थापित पश्चिम आम्नाय श्रीशारदापीठ के पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्राणांत की सूचना अत्यंत दुःखद है। पूज्य स्वामी जी सनातन धर्म के शलाका पुरुष एवं सन्यास परम्परा के सूर्य थे।