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सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा, यूपी में 6500 से अधिक अनरजिस्टर्ड मदरसे

लखनऊ। 

उत्तर प्रदेश में मदरसा सर्वे के बाद कई बड़े खुलासे हो रहा हैं। ताजा मामला अनधिकृत तरीके से चलने वाले मदरसों का है। जांच को लेकर प्रारंभिक रिपोर्ट जो सामने आई है, उसके तहत 6502 मदरसे प्रदेश में ऐसे चल रहे हैं, वे अनधिकृत हैं। मतलब, इन मदरसों को किसी भी बोर्ड से संबद्धता नहीं मिली हुई है। मामला सामने के बाद हलचल बढ़ गई है। इस प्रकार का मामला सामने आते ही स्थानीय मौलवी और मुफ्ती की ओर से ऐसे मदरसा संचालकों को भविष्य में किसी प्रकार की कार्रवाई से बचने के लिए तत्काल रजिस्ट्रेशन कराने को कहा जा रहा है। यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मदरसों के सर्वेक्षण का कार्य पूरा कराया जा रहा है। यूपी मदरसा बोर्ड की ओर से इसकी निगरानी कराई जा रही है।

मदरसा सर्वे को लेकर आई रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि 6502 मदरसे अनधिकृत पाए गए हैं। इन मदरसों के पास न तो कोई प्रमाण पत्र पाया गया है। वहीं, ये मदरसे बगैर रजिस्ट्रेशन के चलते पाए गए हैं। इसमें सबसे अधिक 585 मदरसे मुरादाबाद में चलता पाया, जिनके पास रजिस्ट्रेशन या वैध कागजात नहीं पाया गया है। इसके अलावा बिजनौर में 450, बस्ती में 401, गोंडा में 281 और देवरिया में 271 मदरसों को इस प्रकार चलते पाया गया है। इसके अलावा अलीगढ़ में 103 और गाजियाबाद में 139 मदरसों को बिना कागजात के चलते देखा गया है।

मुरादाबाद में मदरसा सर्वे की सुपरवाइजिंग करने वाले एडीएम सुरेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि सवेक्षण में 859 मदरसों को सर्वे में अधिकृत पाया गया। सर्वे में 585 मदरसे ऐसे पाए गए हैं, जो किसी मान्यता के चलते पाए हैं। इस संबंध में मुरादाबाद के डीएम शैलेंद्र सिंह ने कहा कि अनधिकृत मदरसों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। कई लोग अपने घरों में निजी स्तर पर मदरसों का संचालन करते हैं। उन्होंने कहा कि हम इन मदरसों को गैर-कानूनी नहीं कह रहे हैं। ये मदरसे बिना किसी रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं। इस प्रकार के मदरसों को लेकर सरकार की ओर से आने वाले दिशा-निर्देश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

स पूरे मामले में जामिया नईमिया मदरसा के मुफ्ती अयूब नईम कहते हैं कि हमने सभी मदरसों के कमेटी सदस्यों को सहयोग करने के लिए कहा है। लखनऊ के बोर्ड कार्यालय में मदरसों को संबद्ध कराने को कहा गया है। अगर वे कागजी कार्रवाई को पूरा नहीं कराते हैं तो उन्हें बड़ी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

यूपी मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद का मदरसा सर्वे को लेकर बड़ा बयान आया है। डॉक्टर जावेद ने कहा कि मदरसों को लेकर वैध-अवैध शब्द का प्रयोग करना गलत है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया गया है कि ऐसी भाषा मदरसों को लेकर न बोली जाए। यह शब्द कहां से पैदा हो रहे हैं, यह चिंता का विषय है। क्योंकि, ऐसी भाषा से माहौल खराब हो रहा है। मदरसों के सर्वे साधारण तरीके से हो रहे हैं। वहीं, कई जिलों में काम लगभग पूरा हो चुका है। मदरसा सर्वे के बाद आ रहे आंकड़ों को लेकर मीडिया में कई प्रकार की चर्चा के बीच चेयरमैन ने स्थिति साफ की है।


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