नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने कहा कि दोषी साबित न होने तक आरोपी को लंबे समय तक जेल में नहीं रख सकते है। हालांकि कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ ने लखीमपुर खीरी मामले की सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलों को सुना। यूपी सरकार के अधिवक्ताओं ने जमानत कर विरोध करते हुए कहा कि इससे समाज में गलत संदेश जाएगा।
एसे तो जमानत होने में सात-आठ साल लग जाएंगेः मुकुल रोहतगी
वहीं, आशीष मिश्रा के अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि उनका मुवक्किल एक साल से अधिक समय से हिरासत में है और जिस तरह से सुनवाई चल रही है, उसके पूरा होने में सात-आठ साल लग जाएंगे।