लखनऊ।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत बनाने का जो सपना है, उसे पूरा करने में सबसे ज्यादा सामर्थ्य किसी राज्य में है तो वह उप्र में है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन-2023 के दूसरे दिन एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पेट्रोल, डीजल और गैस के मद में हमारे यहां 16 लाख करोड़ रुपये का आयात होता है और इससे हमारी अर्थव्यवस्था से 16 लाख करोड़ रुपये बाहर जा रहे हैं। गडकरी ने कहा, ''अब हमको ऊर्जा का आयात करने वाला नहीं, ऊर्जा का निर्यात करने वाला देश बनाना है। यही हमारे प्रधानमंत्री जी का आत्मनिर्भर भारत बनाने का सपना है। इस सपने को पूरा करने का सबसे ज्यादा सामर्थ्य किसी राज्य में है तो वह उप्र में है और योगी जी के नेतृत्व में यह सपना जरूर पूरा होगा।
निवेशक सम्मेलन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए गडकरी ने कहा, ''पहली बार औद्योगिक विकास, कृषि विकास का विचार कर काफी बड़ा निवेश देश के इतिहास में उप्र में लाने का काम योगी आदित्यनाथ ने किया और उनका यह विजन उप्र की तस्वीर को बदल देगा।'' गडकरी ने कहा कि वह अक्सर इस बात को दोहराते हैं कि आंखें दान की जा सकती हैं, लेकिन जीवन में विकास की दृष्टि दान नहीं की जा सकती। निवेशक सम्मेलन के जरिये रोजगार निर्माण करने की दृष्टि के लिए योगी की बार-बार प्रशंसा करते हुए गडकरी ने कहा कि वैश्विक निवेशकों को बुलाकर उप्र को देश का विकसित राज्य बनाने का जो सपना योगी जी का है, उस दृष्टि से योगी जी की गाड़ी और उप्र की गाड़ी एक्सप्रेस हाईवे पर तेज गति से दौड़ रही है।
गडकरी ने कहा कि जल्द ही उप्र की जनता की गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी से जुड़ी तकलीफ निश्चित रूप से दूर होगी। उन्होंने कृषि क्षेत्र की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि अगर हम सभी दृष्टि से प्रयास करेंगे तो हमारा किसान अन्नदाता नहीं, ऊर्जादाता बनेगा। देश में ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण को बड़ी समस्या करार देते हुए गडकरी ने कहा कि खुद वह और दयाशंकर सिंह (उप्र सरकार के परिवहन मंत्री) जिस विभाग के मंत्री हैं, उस विभाग का वायु प्रदूषण में 40 प्रतिशत योगदान है। प्रदूषण दूर करने में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि 2030 तक देश में दो करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन हो जाएंगे।