लखनऊ।
विधानसभा सत्र में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव रामचरितमानस विवाद पर कन्नी काटते नजर आए, लेकिन नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने आज इस मामले को लेकर सपा को घेरते नजर आए। उन्होंने कहा कि अवधी और बुंदेलखंडी के लिखे शब्द 'ताड़ना' और 'शुद्र' का गलत मतलब निकाला गया। शुद्र का मतलब श्रमिक से और ताड़ना का अर्थ देखना होता है। तुलसीदास के रामचरितमानस को कुछ लोगो ने फाड़ने का काम किया, यही घटना अगर किसी दूसरे मजहब के साथ हुई होती तो,देखते क्या होता।
योगी ने कहा कि धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस तुलसीदास ने जिस कालखंड में लिखा। उसमें उन्होंने एक ग्रंथ से समाज को जोड़ दिया। मगर आज कुछ लोगों ने रामचरितमानस को फाड़ने का प्रयास किया। जिसकी मर्जी आए, हिंदुओं का अपमान कर दे। मैं मॉरिशियस में प्रवासी भारतीय के आयोजन में गया। मैंने उनसे पूछा कि क्या आपके पास कोई धरोहर है, उन्होंने रामचरितमानस को दिखाया। मैंने पूछा कि आपको पढ़ना आता है? उन्होंने कहा कि हम पढ़ना नहीं जानते, लेकिन यही हमारी विरासत है। हम जानते है कि रामचरितमानस अवधी में रची गई।
इस दौरान सीएम योगी ने सपा को इशारा करते हुए कहा कि आप लोग चोरी और सीना चोरी करने का काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि एक बड़े विचारक ने कहा था कि शक्ति देना आसान है, लेकिन बुद्धि देना आसान नहीं। इसको सरल भाषा में कहूं कि विरासत में सत्ता तो मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं मिल सकती है।