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कभी सोचा नहीं था कांग्रेस छोड़नी पड़ेगी : पूर्व सीएम किरण कुमार रेड्डी

नई दिल्ली। 

अविभाजित आंध्र प्रदेश के अंतिम मुख्यमंत्री रहे एन. किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें कांग्रेस पार्टी छोड़नी पड़ेगी। कांग्रेस के साथ अपने जुड़ाव को याद करते हुए रेड्डी ने कहा कि उनका परिवार 1952 से ही पार्टी के साथ रहा था। उन्होंने कहा कि उनके पिता अमरनाथ रेड्डी भी कांग्रेस से जुड़े हुए थे और वह स्वयं चार बार कांग्रेस के विधायक रहे।

किरण कुमार रेड्डी ने भाजपा में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस आलाकमान के गलत फैसलों से राज्य दर राज्य सभी राज्यों में पार्टी को भारी नुकसान हो रहा है।'' उन्होंने माना कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने लोगों के साथ बातचीत नहीं की या नेताओं की राय नहीं ली, जो असामान्य बात नहीं थी बल्कि सभी राज्यों में ऐसा हो रहा था। रेड्डी ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर टिप्पणी करते हुए सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी के नेतृत्व वाली पार्टी की तुलना एक ऐसी शासन व्यवस्था से की ‘‘जिसका बुद्धिमान राजा न ही स्वयं सोचता है और न ही दूसरों की सलाह मानता है।''

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आप समझ गए कि मेरा क्या मतलब है। वे अधिकार चाहते हैं कि वे नियंत्रण करें लेकिन वे कड़ी मेहनत नहीं करना चाहते हैं। वे जिम्मेदारियां नहीं चाहते हैं।'' उन्होंने कहा कि जनता और नेताओं से संवादहीनता की कमी के कारण कांग्रेस नेतृत्व हमेशा अलग-अलग पदों के लिए गलत लोगों को चुनता है। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि जो कोई भी चुनाव हारता है या जीतता है उसे इस बात की वास्तविकता की जांच करनी चाहिए कि क्या वे सही काम कर रहे हैं या गलत तरीके से काम कर रहे हैं।

इससे पहले किरण रेड्डी का भाजपा में परिचय कराते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने रेड्डी को ‘‘दक्षिण भारत का एक महत्वपूर्ण नेता'' करार दिया। जोशी ने 2014 में आंध्र प्रदेश को दो राज्यों में बांटे जाने की घटना को याद करते हुए कहा कि रेड्डी दक्षिणी राज्य के इतिहास में ‘महत्वपूर्ण समय' पर विधानसभा अध्यक्ष, मुख्य सचेतक और मुख्यमंत्री रहे थे। जोशी ने कहा, ‘‘ रेड्डी एक अच्छे क्रिकेटर भी हैं। उन्होंने कांग्रेस में अपनी पारी की शुरुआत की और अब उस पारी को खत्म करने के बाद, उन्होंने एक नयी पारी की शुरुआत की है। और मुझे पता है कि वह बहुत अच्छा स्कोर बनाएंगे और शानदार बल्लेबाजी करेंगे।''

जोशी ने विश्वास जताया कि रेड्डी के पार्टी में शामिल होने से आंध्र प्रदेश के साथ तेलंगाना में भी पार्टी को मजबूती मिलेगी क्योंकि रेड्डी ने व्यापक रूप से राज्य का दौरा करने और भाजपा को मजबूत करने का वादा किया है। आंध्र प्रदेश के विभाजन के विरोध में, रेड्डी ने कांग्रेस छोड़ दी थी और अपनी पार्टी बनाई थी। हालांकि चुनावों में वह विफल रही थी। वह 2018 में फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए थे। किरण रेड्डी कई वर्षों तक राजनीति से दूर रहने के बाद भाजपा में शामिल हो गए हैं।

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