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उत्तर प्रदेश संगीत नाट्य अकादमी में 12 मई को खुलेगी "एक नौकरानी की डायरी"

प्रिंस सिंह मथारू -ब्यूरो चीफ (इंडेविन टाइम्स)

लखनऊ। 

रंगकर्मी प्रदीप घोष एक बेहतर मनुष्य हैं।समाज की बेहतरी के लिए रंगकर्म के मार्फ़त कुछ न कुछ करते रहते हैं। घोष लगभग तीन दशकों से नाट्य लेखन,अभिनय व निर्देशन की विधा से जुड़े रहे हैं। बहुत सी कहानियों व उपन्यासों का रुपांतरण व निर्देशन किया है। मुख्यतः रवीन्द्र नाथ टैगोर की- शास्ती (सजा़) हरिशंकर परसाई की- इन्सपेक्टर मातादीन चाँद पर, लूशून की- मैड मैन्स डायरी, गोर्की की- पेपे की नई दुनिया, प्रेमचंद की- कई कहानियां, अखिलेश की- चिठ्ठी, किरन सिंह की- संझा आदि...। प्रदीप द्वारा लखनऊ की कबूतर बाजी़ पर बनाई गई डाक्यूमेंट्री लखनऊ व दिल्ली टीवी से प्रसारित हुई एवं लखनऊ महोत्सव में चलाई गई और खूब सराही गई। इनकी लघु फिल्म- द डर्टी ईवनिंग इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल से Best message given short film awarded है।

आगामी में 12 मई, 2023 को वे प्रख्यात हिन्दी लेखक कृष्ण बलदेव वैद के उपन्यास ”एक नौकरानी की डायरी' का मंचन कर रहे हैं। इसका नाट्य रूपांतरण रंगकर्मी प्रदीप घोष ने ही किया है। उल्लेखनीय है कि वैद जी ने ने अपने साहित्य में प्रतीक और प्रगतिवादी कथाशैली के अर्थपूर्ण प्रयोग किये।

याद रखिए "एक नौकरानी की डायरी" का मंचन उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में शुक्रवार, 12 मई, 2023  को सायंकाल 7 बजे मंचित होगा।

यदि संभव हो तो कुछ स्वैच्छिक सहयोग भी करिए।वैसे इसका अनुदान-पास मात्र 100 रुपये का है या जो उचित लगे, किया जा सकता है।वैसे प्रवेश में कोई रोक-टोक नहीं है। यह अति अल्प सहयोग और आप सबकी उपस्थिति श्री घोष और उनके साथी कलाकारों का मनोबल बढ़ायेगा।तो इसे एक सामाजिक ज़िम्मेदारी मानकर शरीक होइए।

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