नई दिल्ली।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और विपक्ष के कई अन्य नेताओं ने 19 विपक्षी दलों द्वारा संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा किए जाने के बाद बुधवार को कहा कि उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों नहीं कराया जाना और समारोह में भी उन्हें आमंत्रित नहीं किया जाना देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना - यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ‘‘संसद में 'लोकतंत्र' की शहनाई बजनी चाहिए, लेकिन जब से स्वघोषित विश्वगुरु पधारे हैं 'एकतंत्र' की तोप चलाई जा रही है। इमारत नहीं, नीयत बदलो!''