नई दिल्ली।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को भारत के पड़ोसी देश को चेतावनी दी कि यदि किसी ने देश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो करारा जवाब दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि यदि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने पूरा सहयोग किया होता तो देश से नक्सली समस्या समाप्त हो गयी होती। रक्षा मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में विशेषकर बस्तर क्षेत्र में जबरन धर्म परिवर्तन बढ़ रहा है।
भारत एक शक्तिशाली देश के रूप में उभरा
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को इस पर रोक लगानी चाहिए। सिंह कांकेर जिला मुख्यालय में स्थित नरहरदेव हाई स्कूल मैदान में मोदी सरकार की नौ साल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के लिए आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उरी (2016) और पुलवामा (2019) में आतंकवादी हमलों के बाद भारत की प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, '' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक शक्तिशाली देश के रूप में उभरा है और यह अब कमजोर नहीं है।''
भारत को आंख दिखाने की कोशिश मत करना
उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान से कुछ आतंकवादियों ने भारत में घुसपैठ की और हमारे जवानों पर हमला किया, जिनमें कई शहीद हो गए। मैं तब गृह मंत्री था। हमारे प्रधानमंत्री ने दिल्ली में एक बैठक की और 10 मिनट के भीतर निर्णय लिया। हमारी सेना के जवानों ने पाकिस्तान की धरती पर आतंकवादियों को सफलतापूर्वक मार गिराया।'' रक्षा मंत्री ने कहा, ''मैं अपने पड़ोसी को यह बता देना चाहता हूं कि भारत के साथ छेड़-छाड़ मत करना। भारत को आंख दिखाने की कोशिश मत करना। हम केवल इस पार से ही नहीं मारेंगे, जरूरत पड़ने पर उस पार भी आकर मार सकते हैं।
वामपंथी उग्रवाद का जल्द सफाया होगा
अब भारत बदल गया है।'' सिंह ने कहा, ''छत्तीसगढ़ लंबे समय से वामपंथी उग्रवाद के खतरे से जूझ रहा है। नौ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रभावी कार्रवाई के कारण वामपंथी उग्रवाद का प्रभाव कम हुआ। यह अब सिर्फ 10-12 जिलों तक ही सीमित रह गया है। इनमें से कुछ जिले छत्तीसगढ़ में हैं। मैं दावा कर सकता हूं कि यदि कांग्रेस सरकार ने पूरा सहयोग दिया होता तो देश से वामपंथी उग्रवाद का सफाया हो गया होता।'' उन्होंने भूपेश बघेल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ''छत्तीसगढ़ में खासकर आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र में धर्म परिवर्तन की घटनाएं बढ़ रही हैं और यह स्वीकार्य नहीं है और इसे किसी भी तरह से रोका जाना चाहिए।''