देश

national

अमित शाह के बयान पर राज्यसभा में हंगामा, गृह मंत्री बोले- कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का अधिकार नहीं

नई दिल्ली। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि चर्चा में सभी ने अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि बिल का मकसद दिल्ली में भ्रष्टाचार रोकना है। दिल्ली की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए यह विधेयक लाया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली कई मायनों दूसरे राज्यों से अलग है। शाह ने कहा विधेयक में सुप्रीम कोर्ट के एक भी फैसले का उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को सीमित अधिकार हैं। सीमित अधिकार के बारे में मुख्यमंत्री को पता है। दिल्ली सेवा बिल बिल संविधान के मुताबकि है। बिल का एक भी प्रावधान गलत नहीं है।

शाह ने आरजेडी सांसद मनोज झा पर तंज कसते हुए कहा कि आज जेएनयू के प्रोफेसर हैं। मुझे लगता है कि आप विद्यार्थियों को को कैसे पढ़ाते होंगे। उनका बौद्धिक स्तर क्या होगा। इसका मुझे कोई आइडिया नहीं है। उन्होंने झा से पूछा कि दिल्ली एक राजधानी क्षेत्र है। मुझे मनोज झा जी बता दें कि क्या दिल्ली अब राजधानी नहीं है? दिल्ली का राजधानी का महत्व समाप्त हो गया है। शाह ने कहा कि दिल्ली केंद्रशासित प्रदेश है, पूर्ण राज्य नहीं है।

गृह मंत्री ने आप पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है लेकिन समस्या यह है कि हम हैं केंद्रशासित प्रदेश, चुनाव केंद्रशासित प्रदेश में लड़ना है। लेकिन राज्य की शक्तियों का सुख भोगना है। इसका जवाब केंद्र सरकार के पास नहीं है। दिल्ली के पास भी नहीं है। यह सदन के पास भी नहीं है। इसके लिए अपनी मानसिकता को ही बदलना पड़ेगा, सीमित करना पड़ेगा। संयत करना पड़ेगा। तब जाकर इसका रास्ता निकलेगा। अमित शाह ने कहा वर्ष 1992 से 2015 तक ऊपर नीचे कई बार एक दल की सरकार आई, कई बार अलग-अलग दलों की सरकारें आईं। मैं यहां बताना चाहता हूं कि इस बिल में जो ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार हैं, वही चलते आए हैं। पहले कभी ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए कभी झगड़ा नहीं हुआ।

शाह ने कहा कि विपक्ष ने आरोप लगाया कि बिल के जरिए केंद्र सरकार पावर हाथ में लेना चाहती हैं। दिल्ली की जनता के काम करने लिए है। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ जनता की कृपा से पावर हमें भाजत की जनता ने दिया है। कई राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार चल रही है। यह बिल हम लाए हैं पावर केंद्र में लाने के लिए नहीं बल्कि केंद्र ने दिए हुए पावर पर दिल्ली केंद्रशासित प्रदेश की सरकार अतिक्रमण करती है उसे रोकने के लिए। उन्होंने कहा कि 1991 से 2015 तक यही व्यवस्था चलती थी।  

शाह ने कहा कि किसी भी विषय पर संसद को कानून बनाने का अधिकार है। संसद कानून बना सकती है और कानून खत्म भी सकती है। आज AAP की गोद में बैठी कांग्रेस यह बिल लेकर आई थी। कांग्रेस आज AAP को खुश करने में लगी हुई है। कांग्रेस ने दिल्ली के अधिकारों का हनन किया है। कांग्रेस अपने ही लाए कानूनों को हटाने में लगी है। शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि संशोधन में बदलाव इमरजेंसी के लिए नहीं लाए हैं। कांग्रेस ने इमरजेसी लगाया। लोगों को जेल डाला। कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का अधिकार नहीं है। ये बिल किसी पीएम को बचाने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के जनता के लिए यह बिल लाया गया है। अमित शाह के बयान पर सदन में हंगामा शुरू हो गया।

Don't Miss
© all rights reserved
Managed By-Indevin Group