जयपुर।
राजस्थान में छेड़छाड़ करने वालों को अब सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। उनके चरित्र प्रमाण पत्र में उनके छेड़छाड़ या छेड़छाड़ के कृत्य का उल्लेख किया जाएगा, जिससे उन्हें कोई भी सरकारी नौकरी पाने से वंचित कर दिया जाएगा। सोमवार को अपने आवास पर देर रात हुई बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने अधिकारियों को आदतन बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया। उनका यद आदेश ऐसे समय में आया है जब महिला सुरक्षा को लेकर उनकी सरकार विरोधियों के निशाने पर है। राज्य में हाल के दिनों में महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर कई खबरे सामने आई हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यह मुद्दा कई बार उठा चुके हैं। राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव भी होने हैं।
इसको लेकर अशोक गहलोत ने एक ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि राज्य सरकार ने फैसला किया है कि बालिकाओं एवं महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म के प्रयास एवं दुष्कर्म के आरोपियों एवं मनचलों को सरकारी नौकरियों से प्रतिबंधित किया जाएगा। उन्होंने लिखा कि इसके लिए मनचलों का भी पुलिस थानों में हिस्ट्रीशीटरों की तरह रिकॉर्ड रखा जाएगा एवं राज्य सरकार/ पुलिस द्वारा जारी किए जाने वाले इनके चरित्र प्रमाण पत्र पर यह अंकित किया जाएगा। ऐसे असमाजिक तत्वों का सामाजिक बहिष्कार करना आवश्यक है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि महिलाओं और कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराध रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बदमाशों का रिकॉर्ड रखा जाए और उनके चरित्र प्रमाण पत्र में इसका उल्लेख किया जाए।
राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है और विपक्षी भाजपा सीएम गहलोत पर इन अपराधों को नियंत्रित करने में विफल होने का आरोप लगा रही है क्योंकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में राजस्थान शीर्ष तीन राज्यों में से एक है। हाल ही में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और उसे भट्टी में फेंककर हत्या करने की घटना उस राज्य में एक बड़ा मुद्दा बन गई है जहां इस साल दिसंबर में चुनाव होने हैं। भीलवाड़ा की घटना पर गहलोत ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। घटना को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है, जो उचित नहीं है।