लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि आज से 98 वर्ष से पहले यह समय हलचल का रहा होगा, क्या हुआ है कैसे हुआ, आगे क्या होगा, यह तमाम प्रश्न लोगों के मन में कौंध रहे होंगे। वहीं अब विदेशी हुकूमत बहुत दिनों तक गुलाम नहीं बना रख सकती है, यह जज्बे का भाव भी आया होगा। इसी जज्बे के साथ पंडित राम प्रसाद बिस्मिल सहित अन्य क्रांतिकारियों के साथ जुड़कर अभियान को आगे बढ़ाने का काम हुआ था।
काकोरी ट्रेन एक्शन में क्रांतिकारियों को जो पैसा मिला वह 4679 रुपया था। विदेशी हुकूमत ने इन क्रांतिकारियों को गिरफ्तार कर फांसी पर लटकाने तक 10 लाख रुपये खर्च किया। अगर जज्बा हो, सत्संकल्प हो, लड़ने की इच्छा शक्ति हो तो बड़ी से बड़ी भौतिक ताकत को गिराया जा सकता है। इसी जज्बे ने उस समय के निरंकुश शासन को झुकने पर मजबूर किया था।
आज ही के दिन 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ था
अंतरराष्ट्रीय जनजाति दिवस पर बिरसा मुंडा जैसे क्रांतिकारियों को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेक ऐतिहासिक घटनाओं के लिए आज का दिन भारत के इतिहास में स्मरण किया जाता है। भारत की आजादी में हमारे जनजातीय समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज ही के दिन 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि आज का भारत अपनी विरासत पर गर्व की अनुभूति करता है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से मेरी माटी, मेरा देश अभियान के साथ जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत और नगर निकाय शिलाफलकम के माध्यम से पंच प्रण के जुड़ेंगे। कार्यक्रम में योगी ने स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों ठाकुर रौशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, सचिंद्र नाथ बख्शी, रामकृष्ण खत्री के परिजनों को सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने कारगिल शहीद केवलानंद द्विवेदी और सुनील जंग के परिजनों का भी सम्मान किया।
उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को पंच प्रण की शपथ दिलाई। इस दौरान लोगों ने अपने हाथ में मिट्टी और मिट्टी का दिया लेकर भारत को 2047 तक आत्मनिर्भर और एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया। इसके अलावा उन्होंने अमृत वाटिका में वृक्षारोपण किया और शहीदों की स्मृति में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, मेयर सुषमा खकर्वाल, विधान परिषद सदस्य डा. महेंद्र सिंह, बुकक्ल नवाब, विधायक नीरज बोरा और मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र मौजूद रहे।