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प्रधानमंत्री मोदी ने 9 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई

Sunday, September 24, 2023

/ by इंडेविन टाइम्स

नई दिल्ली। 

पीएम मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से नौ वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये नई वंदे भारत ट्रेनें देश भर में कनेक्टिविटी में सुधार और रेल यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक कदम हैं। जिन नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई जिसमें ...........

1-उदयपुर- जयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस,

2-तिरुनेलवेली-मदुरै-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस,

3-हैदराबाद-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस,

4-विजयवाड़ा-चेन्नई (रेनिगुंटा के रास्ते) वंदे भारत एक्सप्रेस,

5-पटना-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस,

6-कासरगोड-तिरुवनंतपुरम वंदे भारत एक्सेप्रेस,

7-राउरकेला-भुवनेश्वर-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस,

8-रांची-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस,

9-जामनगर-अहमदाबाद वंदे भारत एक्सप्रेस शामिल हैं।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने नौ वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाए जाने को देश में आधुनिक कनेक्टिविटी का एक अभूतपूर्व अवसर बताया। उन्होंने कहा, "देश में बुनियादी ढांचे के विकास की यह गति और पैमाना 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं से बिल्कुल मेल खाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से शुरू हुई ट्रेनें अधिक आधुनिक और आरामदायक हैं। उन्होंने कहा कि ये वंदे भारत ट्रेनें नए भारत के नए उत्साह का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों में एक करोड़ ग्यारह लाख से ज्यादा लोगों ने सफर किया है और इस बात पर खुशी जताई कि वंदे भारत के प्रति उत्साह बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि 25 वंदे भारत ट्रेनें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लोगों की सेवा में है। उन्होंने कहा कि आज इसमें 9 और वंदे भारत ट्रेनों को जोड़ा जा रहा है और वो दिन दूर नहीं, जब वंदेभारत देश के हर हिस्से को कनेक्ट करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि वंदे भारत उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो समय बचाना चाहते हैं और एक ही दिन में यात्रा करना चाहते हैं। उन्होंने वंदे भारत से जुड़े स्थानों पर पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि पर भी प्रकाश डाला।

भारत भविष्य की जरुरतों पर काम कर रहा: मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मविश्वास से भरा भारत अपने वर्तमान और भविष्य की जरूरतों पर एक साथ काम कर रहा है। उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास में निर्बाध समन्वय के लिए पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान और परिवहन और निर्यात से संबंधित शुल्कों में कमी के लिए नई लॉजिस्टिक पॉलिसी को सूचीबद्ध किया। उन्होंने मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के बारे में भी बात की क्योंकि परिवहन के एक साधन को अन्य साधनों का समर्थन करने की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा कि यह सब आम नागरिकों के लिए यात्रा की सुगमता में सुधार के लिए है।आम नागरिकों के जीवन में रेलवे के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने पहले के समय में इस महत्वपूर्ण क्षेत्र की उपेक्षा पर खेद व्यक्त किया। भारतीय रेल के कायापलट के लिए मौजूदा सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बजट में वृद्धि की जानकारी दी। रेलवे के लिए इस वर्ष का बजट 2014 के रेल बजट से आठ गुना अधिक है। इसी तरह दोहरीकरण, विद्युतीकरण और नए मार्गों पर काम चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि विकसित होने के पथ पर अग्रसर भारत को अब अपने रेलवे स्टेशनों का भी आधुनिकीकरण करना होगा। इसी सोच को ध्यान में रखते हुए भारत में पहली बार रेलवे स्टेशनों के विकास और आधुनिकीकरण का अभियान शुरू किया गया है। आज देश में रेल यात्रियों की सुविधा के लिए रिकॉर्ड संख्या में फुट ओवर ब्रिज, लिफ्ट और एस्केलेटर का निर्माण किया जा रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही देश के 500 से ज्यादा बड़े स्टेशनों के पुनर्विकास का काम शुरू किया गया था।

इन स्टेशनों का नाम होगा अमृत भारत स्टेशन

प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत काल के दौरान बनाए गए इन नए स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ये स्टेशन नए भारत की पहचान बनेंगे।इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कि रेलवे ने रेलवे स्टेशन की स्थापना का 'स्थापना दिवस' मनाना शुरू कर दिया है, प्रधानमंत्री ने कोयंबटूर, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और मुंबई में समारोहों का उल्लेख किया। कोयम्बटूर रेलवे स्टेशन ने 150 साल पूरे कर लिए हैं।

उन्होंने कहा, "अब रेलवे स्टेशनों का जन्मदिन मनाने की इस परंपरा को और विस्तार दिया जाएगा और अधिक से अधिक लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन को संकल्प से सिद्धि का माध्यम बनाया है। 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, हर राज्य और हर राज्य के लोगों का विकास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अपने राज्य में रेलवे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की रेल मंत्री की स्वार्थ भरी सोच ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है और अब हम किसी भी राज्य को पीछे नहीं छोड़ सकते। उन्होंने कहा, 'हमें सबका साथ सबका विकास के दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना होगा।

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