लखनऊ ।
सियासत में एक कहावत बहुत पुरानी है कि राजनीति में कोई किसी का स्थाई दुश्मन या दोस्त नहीं होता है। कल तक जो विपक्षी दलों का INDIA गठबंधन 2024 लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए एकजुट हुआ था उसमें चुनाव से पहले ही फुट पड़ गई है। INDIA गठबंधन की मुख्य पार्टियां सपा और कांग्रेस आमने- सामने आ गई है। एमपी विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर बात ना बनने के बाद यह लड़ाई अब जुबानी जंग पर उतर आई है। दोनों ही पार्टियों के बड़े नेताओं के द्वारा एक दूसरे पर सियासी बाण छोड़े जा रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, समाजवादी पार्टी के एक प्रवक्ता की ओर से इस लड़ाई के बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव को भावी प्रधानमंत्री तक बता दिया गया है। इससे INDIA गठबंधन का सारा समीकरण ही ध्वस्त हो गया है। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो सपा-कांग्रेस के मनमुटाव का असर मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में दिख सकता है, साथ ही इसका सीधा और बहुत बड़ा असर आगामी लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है।
समाजवादियों का सपना है अखिलेश यादव पीएम बने- फखरुल हसन चांद
सपा मुखिया अखिलेश यादव का भावी प्रधानमंत्री को लेकर पोस्टर लगाने वाले सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि समाजवादियों का एक सपना है सपना था कि नेताजी मुलायम सिंह यादव इस देश के प्रधानमंत्री बने। 1990 के दौर में नेताजी प्रधानमंत्री बनते बनते रह गए थे। वो अधूरा सपना अखिलेश यादव के रूप में पूरा हो, ऐसा हर समाजवादी चाहता है।
उन्होंने कहा कि हम सब चाहते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव अखिलेश यादव के चेहरे पर लड़ा जाए। क्योंकि यूपी से ही दिल्ली का रास्ता जाता है। 2004 में राष्ट्रीय दल के गुमान को नेताजी ने अकेले दम पर यूपी में 39 सीटें जीतकर तोड़ा था। तब भी हम सरकार से बाहर थे लेकिन हमने कांग्रेस को समर्थन दिया था। जनविरोधी, लोकतंत्र विरोधी और संविधान विरोधी बीजेपी सरकार को हटाना है तो सपा को ताकत देनी पड़ेगी।
कांग्रेस का मिजाज नहीं बदला तो अलग लड़ेंगे चुनाव- सपा प्रवक्ता
इसके साथ ही सपा प्रवक्ता ने कहा कि जिन लोगों को यह भ्रम है कि लोकसभा चुनाव में लोग कांग्रेस की ओर देख रहे हैं उनका यह भ्रम 2024 में दूर हो जाएगा। 2004 में भी भ्रम दूर किया था अब 20 साल बाद फिर सपा के लोग उस भ्रम दूर कर देंगे। हिन्दू मुस्लिम सिख और ईसाई सभी लोग समाजवादी पार्टी के साथ है। लोग अखिलेश यादव को यूपी में लड़ते देखना चाहते हैं और प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं।
सपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस यूपी के बाहर बड़ा दल है लेकिन यूपी में कई क्षेत्रीय दलों से भी छोटा दल है। जो दल यूपी में सिर्फ कुछ क्षेत्र तक सीमित है कांग्रेस उससे भी छोटा दल हो जाता है। यूपी में सपा बड़ा दल है यहां कांग्रेस अपने वजूद की लड़ाई लड़ रही है। इसके साथ ही सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि अगर INDIA गठबंधन और कांग्रेस का यही मिजाज रहा तो हम अलग होकर चुनाव लड़ सकते हैं, अलग चुनाव लड़कर यह प्रयास करेंगे कि तीसरा मोर्चा बने।