लखनऊ।
भाजपा के दलित और महिला कार्ड को लेकर बसपा प्रमुख मायावती अभी से अलर्ट हैं। उन्होंने रविवार को प्रदेश कार्यालय पर हुई बैठक में पार्टी पदाधिकारियों को भी इससे सचेत रहने और संघर्ष करने की नसीहत दी। भाजपा और उनकी सरकार द्वारा इस बार फिर से नई चुनावी रणनीति अपनाए जाने की चर्चा करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि ज्वलंत समस्याएं जैसे महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी आय में कमी, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और अपराध नियंत्रण व कानून व्यवस्था लोगों के दिलो-दिगाम पर हावी जरूर हैं लेकिन यह कितना गंभीर चुनावी मुद्दा बन पाएगा, यह कहना अभी मुश्किल है। जनहित ओर जन कल्याण के इन मामलों में भाजपा व कांग्रेस का रवैया लगभग एक जैसा ही है।
मायावती ने कहा कि सदियों से जातिवाद के आधार पर सामाजिक एवं आर्थिक शोषण, अन्याय व गैर बराबरी का शिकार रहे बहुसंख्यक एससी, एसटी व ओबीसी समाज के लोगों को मुक्ति एवं समानता के लिए आरक्षण की व्यवस्था संविधान में की गई है। इसको भी निष्प्रभावी और निष्क्रिय बनाने का प्रयास हर स्तर पर जारी है। ऐसे में आरक्षण को बेरोजगारी दूर करने, अन्य और भी दिखावटी बदलाव का कारण नहीं बनने देना चाहिए। इसके विरुद्ध संघर्ष जारी रखना जरूरी है। जब तक समाज में व सरकार में भी गैर बराबरी वाली नीयत व नीति जारी रहेगी, तब तक आरक्षण का सही लाभ लोगों को नहीं मिल पाएगा। यह केवल कागजी सुविधा बनकर रह जाएगी।
अस्पताल और शिक्षण संस्थान बंद किए जा रहे
बसपा प्रमुख ने सरकार की बुलडोजर शैली और शिक्षण संस्थान और अस्पतालों को बंद करने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार एक व्यक्ति की केस में दोष सिद्धि से पहले ही अंधाधुंध बुलडोजर चलाकर उसके पूरे परिवार को दंडित किया जा रहा है। उसी प्रकार किसी व्यक्ति को सजा घोषित होने से पहले ही उसके शिक्षण संस्थाओं तथा अब अस्पतालों तक को बंद किया जा रहा है। यह जनविरोधी कदम है। इससे आम जनहित प्रभावित हो रहा है। सरकार की ऐसी कार्रवाई जनता की नजर में द्वेषपूर्ण और पूरी तरह से गैर जरूरी है।
जानकारों का कहना है कि हाल ही में बसपा से जुड़े रहे मुस्लिम नेताओं मुख्तार अंसारी, अतीक के बाद हाजी याकूब कुरैशी और हाजी इकबाल की संपत्तियां सीज की जा रही हैं। इनके विश्वविद्यालय, अस्पताल और फैक्ट्रियां सीज की गई हैं। उधर, आजम खां के विश्वविद्यालय पर कार्रवाई की जा रही है और स्कूल बंद किए गए हैं। माना जा रहा है कि मुस्लिम नेताओं की संपत्तियों पर कार्रवाई का मुद्दा उठाकर उन्होंने हमदर्दी जताई है। इसके जरिए वह मुस्लिम वोट बैंक को सहेजने की कोशिश कर रही हैं।
NDA और I.N.D.I.A से बराबर दूरी
मायावती ने यूपी और उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में एक बार फिर स्पष्ट किया कि बसपा NDA और I.N.D.I.A दोनों से बराबर दूरी बनाए रखकर आगे अपनी ताकत को मजबूत बनाकर काम करना है। पहले भी पार्टी इसी तरह आगे बढ़ती रही है। उन्होंने कहा कि बीएसपी विरोधी तत्व फेक न्यूज और प्रचार के जरिए राजनीतिक साजिश के तहत भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इस दुष्प्रचार से सचेत रहना है और चुनावी तैयारी किसी तरह प्रभावित न हो।
कैडर कैंप नवंबर तक
बसपा के कैडर कैंप की अवधि बढ़ा दी गई है। अब नवंबर तक कैडर कैंप चलेंगे। यह निर्देश मायावती ने रविवार को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में दिए। पहले ये कैंप 20 अक्तूबर तक चलने थे। उन्होंने कहा कि कांशीराम परिनिर्वाण दिवस के कारण पांच से 12 अक्तूबर अक्तूबर तक कैंप स्थगित रहेंगे। उसके बाद फिर नवम्बर तक चलेंगे।