इटावा।
उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई, इटावा के डॉ. समीर सर्राफ पर घटिया पेसमेकर लगाकर करीब 600 रोगियों की जान से खिलवाड़ करने और बदले में मोटा कमीशन लेकर विदेश यात्राएं करने का गंभीर आरोप लगा है। .जांच में प्रथम दृष्यटा आरोप सही पाए जाने पर डॉक्टर को इटावा पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। उस पर अनावश्यक आर्बिट्रेरी (उपकरण) खरीद, पेसमेकर खरीद में धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार व अनावश्यक विदेश यात्राएं करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
जांच में पाया में गया कि डॉक्टर ने एसजीपीजीआई की तय कीमत से नौ गुना ज्यादा रेट पर पेसमेकर खरीदे, वह भी घटिया। एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि फरवरी 2022 में डॉ. समीर सर्राफ के खिलाफ आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के चिकित्सा अधीक्षक रहे डॉ आदेश कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराया था। डॉक्टर समीर वहां कॉर्डियोलॉजी विभाग असिस्टेंट प्रोफेसर थे।
क्या है पूरा मामला?
सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजी विभाग में कार्यरत डॉ.समीर सर्राफ ने मरीजों को नकली पेसमेक एसजीपीजीआई की तय कीमत से अधिक कई गुना रेट पर मरीजों को लगाया था। जब इसकी शिकायत एक मरीज ने संस्थान के प्रशासन से की तो सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक जांच कमेटी गठित की थी। जांच कमेटी ने भ्रष्टाचार पाया और तय कीमत से 9 गुना अधिक कीमत वसूलने की अनियमितताएं पाई थी। इसके बाद सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक्सपर्ट की राज्य स्तरीय एक बड़ी जांच टीम गठित कर दी थी और सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलसचिव सुरेश चंद शर्मा ने तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक प्रो. डॉ. आदेश कुमार को पत्र लिखकर कहा गया था कि यह मामला अस्पताल से जुड़ा हुआ है।