लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में बिना मान्यता प्राप्त चल रहे विद्यालयों पर योगी सरकार सख्त एक्शन लेने जा रही है। इसके लिए पूरे प्रदेश में सघन अभियान चलाया जाएगा। अभियान के दौरान जो विद्यालय बिना मान्यता प्राप्त या मान्यता रद्द होने के बाद भी संचालित होते पाए जाएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। दंड के साथ ही प्रतिदिन 10 हजार रुपये जुर्माना का भी प्राविधान किया गया है, जो एक लाख तक होगा। बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देते हुए 22 नवंबर तक सभी जनपदों से अभियान के तहत की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी तलब की गई है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 14 वर्ष तक के बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा परिषदीय प्राथमिक, जूनियर हाईस्कूल, सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, मान्यता प्राप्त प्रारंभिक एवं जूनियर हाईस्कूल संचालित किए जा रहे हैं। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम में स्पष्ट रूप से प्राविधान किया गया है कि बिना मान्यता प्राप्त किए कोई स्कूल न तो स्थापित किया जा सकता है और न ही संचालित किया जा सकता है।
सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर अभियान चलाने के निर्देश
संयुक्त शिक्षा निदेशक (बेसिक) गणेश कुमार ने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से इस आशय का प्रमाण पत्र निदेशालय को उपलब्ध कराने को भी कहा है कि उनके ब्लॉक में कोई भी विद्यालय बिना मान्यता प्राप्त किए संचालित नहीं हो रहा है।
बिना मान्यता के नहीं चल सकता कोई स्कूल
निर्देश में कहा गया है कि बिना मान्यता प्राप्त किए कोई स्कूल न तो स्थापित किया जा सकता है और न ही संचालित किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति बिना मान्यता प्राप्त किए कोई स्कूल संचालित करता है, तो उसके विरुद्ध एक लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है और उल्लंघन जारी रहने की दशा में प्रत्येक दिन के हिसाब से दस हजार रुपये तक का जुर्माना देय होगा।